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बारवाडीह के तत्कालीन सीआई को घुस लेने के आरोप मे गिरफ्तारी के बाद मिली ज़मानत, साजिश का लगाया गंभीर आरोप

लातेहार/बारवाडीह अंचल के तत्कालीन सीआई सुरेश राम को छुट्टी के दिन आवास से 23 जनवरी 2025 को घुस लेने के आरोप मे निगरानी टीम ने गिरफ्तार किया था। सुरेश राम को जमानत मिलने के बाद मीडिया को जानकारी देते हुए बताया की इस प्रकरण मे मुझे साजिश के तहत फसाया गया है। मै जैसे ही अपने क्वार्टर से स्नान करने के लिए गेट खोले वैसे ही बाउंड्री पर दो और दो उधर महिला के साथ खड़ा देखें। जैसे ही कपड़ा खोलकर नहाने लगे वैसे ही आकर मुझे वे लोग पकड़ने लगे।  किसी बात को ज़ब तक समझते तब तक पांच छः लोग पहुँच कर पूरी तरह पकड़ लिया और खींचा तानी करते हुए मुझे पटक दिया जिससे मेरा दाहिना पैर का अंगूठा फट गया और छाती मे भी जोरदार चोट लगी है । लगभग 45 मिनट बाद पुलिस पहुँचती है। तब स्पष्ट होता है की निगरानी टीम के कर्मी द्वारा ऐसा हरकत किया जा रहा है। मुझे जबरन गाड़ी मे बैठाया जता है। गाड़ी मे पहले से रखे हुए पैसों से मुझे पटक कर हाथ मे रगड़ा जाता है। प्रकरण के लिए बनाए गए मजिस्ट्रेट जिला शिक्षा अधीक्षक द्वारा केमिकल उक्त पैसों से रगड़ा जाता है। निगरानी कार्यालय पलामू मे पहुँचने के बाद मेरा हाथ को धोया गया। मुझे हार्ट का इलाज भेलोर से चलता है। और निगरानी विभाग द्वारा मुझे काफी ट्रॉचर किया गया। जेल मे काफी दिनों तक मेडिसिन चलता रहा जिसमे मेडिकल टीम का बेहतर योगदान रहा। यदि घुस लेते निगरानी टीम पकड़ी तो घटना स्थल का घुस लेते वीडियो फुटेज होना चाहिए। छुट्टी के दिन क्वार्टर से पुरे प्रकरण मे साजिश के तहत मुझे फसाया गया है। पुरे प्रकरण मे साजिशकर्ता और गलत तरीक़े से साथ देने वाले को विरुद्ध जल्द ही चल अचल सम्पति की जाँच एंव मानहानि का मुकदमा माननीय उच्च न्यायलय झारखण्ड मे रिट याचिका दायर करवा जायेगा।

उपायुक्त से विशेष आग्रह

लातेहार उपायुक्त से आग्रह करते हुए कहा की लातेहार जिला के बारवाडीह अंचल मे ऑनलाइन म्यूटेशन निष्पादन से पहले अंचलाधिकारी द्वारा मैन्युअल किया जाता है जिसका रिपोर्ट हम दे चुके हैं। लेकिन अधिकारी ऑपरेटर इसको मनमानी तरीके से लापरवाही के कारण नहीं किया। पैसा लेने का आरोप बिल्कुल निराधार है। इसलिए इसे निष्पक्षता से उच्च स्तरीय जाँच की मांग की है। अंचलाधिकारी द्वारा मैन्युअल को स्वीकृति देने में इतना विलंब क्यों रखा। स्वीकृति के बाद अंचलाधिकारी के उपस्थिती मे ऑनलाइन होता है जो जटिल प्रक्रिया है।

वहीं झारखण्ड के माननीय मुख्यमंत्री से भी आग्रह किया है कि राजस्व कार्य के निष्पादन में जो अंचलाधिकारी शक्ति कला का उपयोग करते हैं उसपर जांच करवाया जाय।

झारखण्ड के मुख्यमंत्री से निष्पक्ष जाँच का गुहार

वही माननीय मुख्यमंत्री से विनम्र आग्रह करते हुए कहा कि जो जटिल प्रक्रिया के द्वारा अधिकारियों के द्वारा निष्पादन में विलंब किया जाता है पहले मैन्युअल तब ऑनलाइन इस प्रकरण को उच्च स्तरीय जांच की मांग किया है साथ ही मैन्युअल करेक्शन स्लिप बरवाडी आंचल में लंबित है और ग्रामीण अंचल कार्यालय का चक्कर लगाकर लंबे समय से परेशान हैं अधिकारियों की लापरवाही से आम जनमानस इसका दंश झेल रहे हैं सैकड़ो आवेदन जो मैन्युअल रूप से निष्पादित हो चुका है उसका ऑनलाइन नहीं किया जा रहा है यह भी अधिकारियों और ऑपरेटर के विरोध कार्रवाई की मांग की है।

तत्कालीन सीआई सुरेश राम ने बताया की जेल में चिकित्सा सुविधा दिया बेहतर दिया जाता है परन्तु भोजन की स्थिति सही नहीं है और जेल मे भारी भरकम की आबादी मे गरीब गुरबे निर्देश व्यक्ति जेल मे पैसे और पैरवी की आभाव मे जेल काट रहे हैं। जिससे उनका घर परिवार परेशान है।  सरकार से इस मामले मे भी जल्द से जल्द संज्ञान लेने की कृपा करें।

उपरोक्त बातें सीआई सुरेश राम द्वारा जानकारी दी गई। मिडिया इसे पुष्टि नहीं करता है सारी बातें विभागीय जाँच का विषय है।

ज्ञात हो की बरवाडीह अंचल के तत्कालीन प्रभारी सीआई सुरेश राम को घुस लेने के मामले में 23 जनवरी क़ो हुई गिरफ्तारी के बाद रांची हाई कोर्ट से जमानत मिल गई है। सुरेश राम को पलामू निगरानी विभाग नें एक महिला से जमीन के मोटेशन किए जाने के नाम पर घूस लेने के आरोप में उनके बरवाडीह स्थित सरकारी क्वार्टर से गिरफ्तार किया था । वही जमानत पर बाहर आने के बाद सुरेश राम ने बताया कि उन्हें इस प्रकरण में गलत साजिश और राजनीतिक संयंत्र के तहत फसाया गया है क्योंकि उनके द्वारा किसी भी तरह के कार्य को लंबित नहीं रखा गया था और न ही उस महिला से कोई पैसा लिया था। उन्होंने यह भी कहा कि न्यायालय पर उन्हें पूरा भरोसा था जिसके कारण उन्हें माननीय हाई कोर्ट से जमानत मिली है और जल्द ही निर्दोष भी साबित हो जाऊंगा ।

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