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महुआडांड़ प्रखण्ड के चैनपुर पंचायत के राजकी प्राथमिक विद्यालय औंराटोली की हालत जर्जर,खपरैल घर में चल रहा है पठन-पाठन का कार्य

महुआडांड़

मोहम्मद सहजाद आलम

मामला महुआडांड़ प्रखण्ड के चैनपुर पंचायत के राजकी प्राथमिक विद्यालय औंराटोली सरकारी स्कूल का।

  • झारखंड सरकार के लाख में दावे के वावजूद भी सरकारी स्कूल के तस्वीर नहीं बदल रही है।अभी भी कई सरकारी स्कूल मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं। वहीं महुआडांड़ प्रखण्ड के चैनपुर पंचायत के राजकी प्राथमिक विद्यालय औंराटोली स्कूल भवन का हाल है।

कई वर्षों से स्कुल की हालत है जर्जर,रोज दिन टुट टुट कर गिर रहा है छत, जिसके कारण खपरैल मकान में पढ़ने को बेबस है बच्चे,उसमें भी गायब है दरवाजा,बरसात के वहां भी टपकता है पानी,बच्चों की हो जाती है छुट्टी,इस दौरान बच्चे पढ़ाई से हो जातें हैं वंचित,स्कूल के स्थिति को लेकर विभाग को कई बार दिया गया है लिखित आवेदन, विभाग के तरफ से अभी तक नहीं की गई है कोई कारवाई।
राजकी प्राथमिक विद्यालय औंराटोली सरकारी स्कूल में लगभग 40 बच्चे नामंकित है। जिसमें अधिकांश दिन विद्यालय में 30 बच्चे उपस्थिति होती है। लेकिन विडंबना ये है कि बच्चे पढ़ें तो कहा। क्योंकि स्कूल का छत टूट कर गिर रहा है।जिसे देखने वाला कोई नहीं है। बच्चे डर के कारण वहां बैठ कर पढ़ाई नहीं कर पाते हैं।बच्चे जर्जर स्कूल भवन में आने से डरते हैं। जिससे बच्चे की भविष्य अंधकार मय होता नजर आ रहा है। बच्चों के भविष्य को देखते हुए शिक्षक के द्वारा बच्चों की पढ़ाई लिखाई पठन-पाठन का कार्य खपरैल भवन में चलाया जा रहा है।अभी बरसात का मौसम है हर रोज बारिश होते रहती है। जहां खपरैल भवन पढ़ाई जाती है वहां भीपानी टपकने लगता है।जहां बच्चों को पढ़ने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं खपरैल भवन में एक भी दरवाजा नहीं है। झाड़ी का बना हुआ दरवाजा लगाकर किसी तरह काम चलता है।5 साल से इसी खपरैल भवन में स्कूल चल रहा है।जुगाड़ पे ही नौनिहाल का भविष्य टिका हुआ है।इस संबंध में स्कूल की रसोइया सरिता देवी बताती है कि पुराने स्कूल भवन इतना जर्जर हो गया की हर दिन छत टूट टूट का गिरता रहता है। स्कूल की हालत काफी खराब हो गया है पर इसे देखने वाला कोई भी नही है। वहीं स्थानीय ग्रामीण लॉरेंस ने बताया कि स्कूल का हालत काफी जर्जर बना हुआ।5 साल से इसी खपरैल भवन में पठन-पाठन का कार्य चल रहा है।इसे लेकर कई बार लिखित आवेदन दिया जा चुका ।लेकिन आज तक कोई पहल नहीं किया गया है।राजकी प्राथमिक विद्यालय औंराटोली के शिक्षिका उर्सेला केरकट्टा ने बताया कि कई सालों से स्कूल भवन की हालत काफी जर्जर हो चुकी।कई बार विभाग को इसकी लिखित आवेदन देकर मरम्मत करने की मांग की गई है।लेकिन आज तक विभाग की ओर से कोई पहल नहीं हो सकी है। खपरैल घर के एक रूम में स्कूल चलाने की मजबूर है।

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