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गणतंत्र दिवस मे देवकुमार धान बोले : ग़रीबी से मुक्ति पाने के लिए सर्वमाज क़ो सम्मान शिक्षा जरुरी

देश क़ो आगे ले जाना है तो वन नेशन वन इलेक्शन से पहले यदि लागू हो : वन नेशन वन एजुकेशन

लातेहार /बारियातू। प्रखंड के नचना स्थित सरना भवन परिसर मे 26 जनवरी के अवसर पर आदिवासी मुलवासियों ने कार्यक्रम आयोजित कर राजू रामवृक्ष लोहरा के नेतृत्व मे गणतंत्र दिवस मनाया। कार्यक्रम का अध्यक्षता प्रभु दयाल उरांव ने किया जबकि मंच का संचालन जगदीश उरांव ने की। कार्यक्रम मे बतौर मुख्य अतिथि देव कुमार धान ने उपस्थित लोगों क़ो सम्बंधित करते हुए कहा की संविधान बनाने मे 2 वर्ष 11 माह 18 दिन लगे थे। संविधान निर्माता बाबा साहेब डॉ भीम राव अम्बेडकर ने देश के लिए सभी वर्गों के लिए बेहतर संविधान दिया जिसमे समता समानता का सपना क़ो साकार करने के लिए संविधान क़ो राष्टपति राजेंद्र प्रसाद क़ो सौंपा था। गणतंत्र दिवस क्यों मनाते हैं उसपर विस्तृत प्रकाश डालते हुए कहा का संविधान लागू हुए 76 वर्ष बित गए लेकिन अभी भी दो नीति का शिक्षा लागू है। यदि गरीबी मिटाना है और देश क़ो आगे ले जाना है तो वन नेशन वन इलेक्शन लागू होने से पहले वन नेशन वन एजुकेशन लागू होना चाहिए ताकि अमीर, मध्यम वर्ग एंव गरीब एक साथ समान शिक्षा ले सभी क़ो अच्छी शिक्षा मिले । दूसरा उत्पादन के मूल्य निर्धारित हो सरकार खरीदे या बाजार मे बेचे जाय मूल्य (एमएसपी ) लागू हो और उत्पादन कर्ता कहीं बेचे निर्धारित मूल्य पर बिके। स्वारोजगार के लिए सस्ता पूंजी होनी चाहिए और टीसी डीसी के सहयोग मिले।

CBSE,JCERT, NCERT व ICERT दो रंगा शिक्षा नीति से सामनता आना संभव नहीं है : राजू रामवृक्ष लोहरा

आर्थिक रूप से कमजोर किसान मजदूर सुदूवर्ती गांव टोले के अंतिम व्यक्ति के बच्चे JCERT के तहत सरकारी विद्यालय मे शिक्षा प्राप्त करते हैं। वर्तमान मे आठवीं बोर्ड का परीक्षा होना है जिसमे 6 विषय की परीक्षा मात्र एक दिन होना है। सरकारी विद्यालय के विद्यार्थियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर नाइंसाफ़ी किया जा रहा है। वहीं CBSE, NCERT या अन्य शिक्षा नीति मे क्या इसी तरह परीक्षा होता है? इस बात क़ो लेकर गरीब जागरूक अभिभावक मे काफी रोष व्याप्त है। सरकारी विद्यालय मे आठवीं तक फेल नहीं करना है और आठवीं बोर्ड मे 6 विषय की परीक्षा एक दिन मे देना है कई छात्र असमंजस की स्थिती मे पड़े हैं।बच्चों की सही शिक्षा के प्रति सजग और जगरूप लेकिन आर्थिक रूप से कमज़ोर अभिभावक इस वर्तमान शिक्षा नीति से चिंतित हैं।

संविधान लागू हुए 76 वर्ष के बाद भी सम्मान शिक्षा लागू नहीं होना दुर्भाग्य है। संविधान की अपापोह सिर्फ बातों मे है धरातल मे शिक्षा नीति एक हो जाय तो सभी क़ो समान शिक्षा मिलेगा। वर्तमान सरकार से अपेक्षा है की शिक्षा नीति मे परिवर्तन हो।

गणतंत्र दिवस मे संविधान की जानकारी और गणतंत्र दिवस के जानकारी की जगह छात्रों से कार्यक्रम करवाकर नाच गाना करवाया जाता है

मंच मे उपस्थित लोगों क़ो सम्बोधित करते हुए प्रेम गंझु ने कहा की देश संविधान से चलता है। संविधान लागू होने की उत्सव के रूप मे गणतंत्र दिवस मनाया जाता है। कई सरकारी गैर सरकारी विद्यालयों मे डीजे साउंड लगाकर छात्र छात्रों से ठुमके लगवाए जाते हैं नाच गाना करवाए जाते हैं। जबकि गणतंत्र दिवस के विषय पर कोई शिक्षा नहीं और जानकारी नहीं दी जाती है। संविधान कब बना कैसे बना, क्यों गणतंत्र दिवस मनाया जाता है, संविधान के पूर्व भारत मे कैसी व्यवस्था थी छात्रों क़ो गणतंत्र दिवस मनाने का मूल शिक्षा नहीं दिया जाता है। वहीं खरवार भोगता समाज विकास संघ के अध्यक्ष बहादूर गंझु, शिक्षक भीम प्रजापति, अजय बैठा, अशोक राम, पूर्व मुखिया प्रमोद उरांव, पूर्व प्रमुख महाबीर उरांव ने संविधान के अनुसूची व अनुच्छेद के बारे मे कई विद्यालय के उपस्थित छात्र छात्राओं क़ो जानकारी दिया। वहीं शिक्षक अजय बैठा ने संविधान के मूल प्रस्तावना सहित कई महत्वपूर्ण बातों पर प्रकाश डाला। अजय बैठा ने कार्यक्रम मे घोषणा करते हुए कहा की बारियातू प्रखंड के अनुसूचित जाति /जन जाति के अन्नाथ पढ़ने के इच्छुक विद्यार्थी जिनके माता या पिता नहीं हो इंटर या बीए मे नामांकन करवाना चाहते हैं वैसे असहाय क़ो सहयोग कर नामांकन करवाया जायेगा। साथ ही किताब कॉपी खरीदने मे असमर्थ होंगे तो वैसे छात्रों क़ो कॉपी किताब का भी व्यवस्था करवाया जायेगा। ठीक इसके पूर्व कई छात्रों के बीच कॉपी और संविधान का पुस्तक भी वितरण किया गया।

मौके पर रामलाल उरांव, सहजुल उरांव, मनोज लोहरा, कुलदीप गंझु, अरुण कुमार, संजय दास, रकेश लोहरा, बाबूलाल भगत, फूलदेव लोहरा, दीपक लोहरा सहित काफी संख्या मे लोग मौजूद थे।

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