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मांग नही पुरी होने तक अनिश्चितकालीन चक्का जाम व बंदी की दी चेतावनी।

झुठे साबित हो रही सरकार के दावें। मूलभूत सुविधाओं से वंचित है महुआडांड़

मो0 सहजाद आलम /महुआडांड

सरकार के द्वारा विकास योजनाओं को धरातल तक पहुंचाने की तमाम प्रकार के दावे किए जाते हैं, परंतु सरकार के इन दावों में कितनी सच्चाई है, इसका उदाहरण आज लातेहार जिले के महुआडांड़ अनुमंडल मुख्यालय में देखने को मिला। यहां के लोग मंगलवार को बिजली और पानी जैसी बुनियादी सुविधाओं के लिए सड़क पर उतर गए हैं। क्षेत्र में बिजली और पानी की सुविधा बेहतर हो, इसकी मांग को लेकर लोगों ने आज महुआडांड़ बंद बुलाया है। वहीं मांग नही पुरी होने तक अनिश्चितकालीन चक्का जाम व बंदी की भी चेतावनी दी है। बंद होने पर सुबह से ही एक भी बसों समेत अन्य वाहनों का परिचालन नहीं हुआ।
दरअसल लातेहार जिले के महुआडांड़ का इलाका आदिवासी बहुल इलाका है। इसके बावजूद यह इलाका विकास के मामले में काफी पिछड़ा हुआ है। इस इलाके में आज भी बुनियादी सुविधाओं के लिए भी ग्रामीणों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। यहां पेयजल और बिजली की समस्या सालों भर बनी रहती है। परंतु पिछले कुछ दिनों से तो यहां के लोग पानी और बिजली के लिए तरस रहे हैं।बिजली आपूर्ति की लचर व्यवस्था और पेयजल की कमी को दूर करने के लिए स्थानीय लोगों के द्वारा पिछले कई दिनों से लगातार अधिकारियों से गुहार लगाई जा रही थी। परंतु जब इन समस्याओं के समाधान के प्रति कहीं से कोई सकारात्मक पहल होता नहीं दिखा तो यहां के ग्रामीण आंदोलन की राह पकड़ लिए हैं। इसी कड़ी में मंगलवार को महुआडांड़ को बंद रखा गया है। बिजली को लेकर मिस्रियों के द्वारा काफी लापरवाही बरती जाती है। बिजली रहने के बावजूद भी बिजली का सप्लाई नहीं दिया जाता है।

सुबह तीन बजे से लोग इस चक्का जाम व धरना प्रदर्शन में लिया भाग

बुनियादी सुविधा को बहाल करने की मांग को लेकर मंगलवार की सुबह 3 बजे से ही स्थानीय लोग सड़क पर उतर गए हैं। पूरे इलाके में नाकेबंदी कर दी गई है। लोग इस गर्मी में भी अपनी मांगों को लेकर डटे हुए हैं। मामले की जानकारी देते हुए स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता और कांग्रेस नेता अजीत पाल कुजूर ने बताया कि महुआडांड़ के लोग आजादी के बाद से आज तक बुनियादी सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं। यहां बिजली की लचर व्यवस्था के कारण लोगों को इस भीषण गर्मी में दिन-रात परेशान रहना पड़ रहा है। इसके अलावा पेयजल आपूर्ति की भी व्यवस्था यहां अत्यंत दयनीय है।उन्होंने बताया कि पेयजल आपूर्ति के नाम पर अब तक यहां 54 करोड़ रुपए से अधिक की राशि खर्च की गई है, परंतु इस योजना का लाभ अभी तक यहां के ग्रामीणों को नहीं मिल पा रहा है। अधिकारियों से बार-बार गुहार लगाकर ग्रामीण थक गए हैं। इसलिए अब यहां के ग्रामीणों के पास आंदोलन ही एकमात्र रास्ता बचा हुआ है। पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार मंगलवार को महुआडांड़ को बंद किया गया है।वहीं गर्मी के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए धरना प्रदर्शन में शामिल लोगों के लिए पेयजल की व्यवस्था भी की गई थी। ताकि लोगों को पीने के पानी के लिए इधर-उधर भटकना न पड़े।
इधर बंदी कर रहे लोगों को समझाने का प्रयास स्थानीय प्रशासन के द्वारा किया जा रहा है। एसडीएम रतन कुमार ने बताया कि क्षेत्र में बिजली की समस्या के समाधान के लिए बिजली विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया गया है। पेयजल विभाग के अधिकारियों को भी पेयजल आपूर्ति की व्यवस्था दुरुस्त करने का निर्देश दिया गया है। प्रशासन के द्वारा लोगों को समझाने का भी प्रयास किया जा रहा है।
वहीं लगभग 5 बजे शाम को अंचलाधिकारी संतोष कुमार बैठा व बिजली विभाग के जेई धरना स्थल में पहुंच कर प्रदर्शनकारियों को समझाने का प्रयास किया परन्तु प्रदर्शनकारी नहीं माने। अधिकारियों को बैरंग वापस जाना पड़ा।
इन समस्याओं को लेकर पूर्व में भी किया गया था धरना प्रदर्शन एवं चक्का जाम।

ज्ञात हो कि इससे पूर्व भी जनप्रतिनिधि एवं ग्रामीण जानता के द्वारा बिजली और पानी की समस्याओं को लेकर लगभग 5 से 6 घंटे तक मुख्य बाजार स्थित शास्त्री चौक में धरना प्रदर्शन एवं चक्का जाम किया गया था।आश्वासन के बाद धरना प्रदर्शन एवं चक्का जाम को स्थगित किया गया था। इसके बावजूद भी अभी तक इन समस्याओं का समाधान विभाग एवं अधिकारियों के द्वारा नहीं किया गया

गुस्साए ग्रामीणों ने बिजली विभाग में जड़ा ताला

बंद को लेकर सुबह से ही ग्रामीण डटे हुए थे और शास्त्री चौक में धरना प्रदर्शन भी कर रहे थे। इस दौरान भी बिजली बहाल नहीं की गई थी। गुस्सा ग्रामीणों के द्वारा बिजली विभाग में ताला जड़ दिया गया है साथ ही वहां उपस्थित सभी मिस्रियों को धरना स्थल शास्त्री चौक में लाए हुए।

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