मनिका प्रखंड में मनरेगा के टीसीबी योजना के नाम पर करोड़ों रुपए का अवैध उगाही
बीडीओ और बीपीओ के संरक्षण में ब्लॉक को घुसखोरी का बना दिया गया है चारागाह: बलवंत सिंह
रिपोर्ट :- अभय कुमार /मनिका
मनिका लातेहार मनिका प्रखंड क्षेत्र में मनरेगा योजना के नाम पर घुसखोरी का खेल लगातार जारी है। अधिकारियों एवं मनरेगा कर्मियों के मिली भगत से मनिका ब्लॉक को लूट का अड्डा बना दिया गया है क्षेत्र वासियों को छोटा काम हो या बड़ा लेकिन अधिकारियों को बिना चढ़ावा चढ़ाए कोई भी काम पूरा नहीं होता है कुछ योजनाओं में तो चढ़ावा चढ़ाने के बाद भी काम नहीं किया जा रहा है और ना ही लोगों के पैसे वापस किए गए हैं ऐसा ही एक मामले के विषय में मनिका पश्चिम क्षेत्र के जिला परिषद सदस्य बलवंत सिंह ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान बताया है। मौके पर बलवंत सिंह ने बताया कि मनिका ब्लॉक को बीडीओ और बीपीओ के संरक्षण में पूर्व से ही घूसखोरी का चारागाह बना दिया गया है हाल में लोकसभा चुनाव को लेकर आचार संहिता लागू किया गया था जिससे पूर्व में मनरेगा योजना अंतर्गत लगभग 2800 टीसीबी के नाम पर क्षेत्र के 15 पंचायत के लाभुकों से लगभग 1 करोड़ 40 लाख रुपए की अवैध उगाही किया गया है लेकिन आचार संहिता समाप्त होने के बाद भी लाभुकों का टीसीबी आज तक शुरू नहीं हुआ है जिससे साफ तौर पर कहा जा सकता है कि मनिका ब्लॉक में अफसर शाही हावी है बीडीओ,बीपीओ और मनरेगा कर्मियों ने मनमानी करके ब्लॉक को चारागाह बना दिया है। उन्होंने कहा कि मनरेगा योजना में मुख्य रूप से प्रखंड विकास पदाधिकारी व कार्यक्रम पदाधिकारी की जवाबदेही होती है इसके बावजूद अगर ब्लॉक में कोई भी अधिकारी घुस ले रहा है तो कहीं ना कहीं प्रखंड विकास पदाधिकारी की इसमें संलिप्ता है। ब्लॉक के अधिकारी आखिर किसके संरक्षण से बेखौफ होकर आम जनता से अवैध पैसे की उगाही कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मनिका ब्लॉक में इस तरह के अफसर शाही और मनमानी का मैं हमेशा से विरोध करते आया हूं। उन्होंने लातेहार उपायुक्त से मामले को गंभीरता पूर्वक जांच करते हुए संलिप्त अधिकारियों पर कार्रवाई का मांग किया है।
कई ग्रामीणों ने कहा बिना पैसे का नहीं होता काम।
मामले के सम्बंध में फोन के माध्यम से जब प्रखंड क्षेत्र के कुछ पंचायत के ग्रामीणों से बात किया गया तो नाम नहीं बताने के शर्त पर कई ग्रामीणों ने कहा कि आचार संहिता से पूर्व टीसीबी योजना के नाम पर प्रत्येक लाभुक से 3000 की अवैध उगाही की गई है लेकिन आज तक ना लाभुकों को योजना का लाभ मिला है और ना ही उन्हें पैसे वापस दिए गए उन्होंने बताया कि बिना पैसे के ब्लॉक में कोई भी काम नहीं किया जाता है.