संजय राम (दर्पण न्यूज.इन चीफ )
बारियातू। प्रखंड स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बारिखाप का भवन उद्घाटन हुए पांच वर्ष बित गया | लेकिन प्रखंड वासियों को स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध नहीं हुआ. बारियातू प्रखंड क्षेत्र में लगभग 60 हजार से भी अधिक आबादी वाले प्रखंड है. प्रखंड में नौ पंचायत बारियातू, सिबला, गोनिया, टोटी, अमरवाडीह, फूलसु, साल्वे, बालूभाँग व डाढा है| सभी पंचायतो में लगभग 56 गांव है. सभी ग्राम वासियों को चिकित्सा सुविधा बहाल करने के उदेश्य से लाखो खर्च कर बारिखाप में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भवन का निर्माण कराया गया. 30 जून 2019 को स्थानीय विधायक प्रकाश राम द्वारा अस्पताल को विधिवत उदघाटन भी कर दिया गया. आलम यह है की प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र उदघाटन तो हो गया लेकिन क्षेत्रवासियों को स्वास्थ्य सेवा देने के लिए न डॉक्टर उपलब्ध कराया गया और नहीं अन्य सुविधा दी गईं.
स्वास्थ्य सेवा लेने के लिए बारियातू प्रखंड वासियों को जाना पड़ता है बालूमाथ

बारियातू प्रखंड वासियों को स्वास्थ्य सुविधा के लिए बालूमाथ जाना पड़ता है. बारियातू प्रखंड क्षेत्र में गोनिया, मकरा, फूलसु,मनातू व बारियातू स्वास्थ्य उपकेंद्र बनाया गया है जहाँ ग्रामीण क्षेत्र में महिलाओं के लिए प्रसव सुविधा दी गई है और सभी उपकेंद्र में एएनएम पदास्थापित है. सभी गाँवो के ग्रामीणों को चिकित्सा सुविधा के लिए बालूमाथ जाना पड़ता है. चतरा रांची मुख्य मार्ग गोनिया से बारियातू में सड़क दुर्घटना होने के बाद चोटिल व घायलों को बालूमाथ ले जाना पड़ता है. बारियातू के बारिखाप में चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध रहने के बाद लोगों को काफ़ी राहत मिलता.
चिकित्सक कार्य प्रगति पर नहीं रहने के कारण जेनरेटर सहित कई सामग्री में लग रहा है जंग

हॉस्पिटल उदघाटन होने के पांच वर्ष बित जाने के बाद चकित्सकीय कार्य प्रगति पर नहीं रहने के कारण कीमती जनरेटर व मरीजों के सुविधा के लिए लगाए गए कई सामग्री में जंग लग रहा है. यदि चिकित्सकीय कार्य लगातार होते रहता तो जाँच सामग्री सहित बेड में जंग नहीं लगता. चिकित्सकीय कार्य नहीं होने के कारण कई सामग्री में जंग लग रहा है. वहीं सभी कर्मियों को रहने के लिए पानी और आवास का भी व्यवस्था किया गया है हालांकि कई कर्मी भवन में रहते भी हैं.
कोरोना काल में बनाया गया था कोरोनटाइन सेंटर

कोरोना काल में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बारिखाप को कोरनटाइन सेंटर बनाया गया था. जहाँ सभी मरीजों को विभाग द्वारा सुविधा दी गई थी. स्थिति परिस्थिति के अनुकूल कोरोना मरीजों को बेहतर सुविधा के लिए ऑक्सीजन प्लांट भी बनाया गया था.कोरोना काल के बाद उक्त भवन को स्वास्थ्य कर्मियों के मीटिंग या कार्यक्रम के लिए उपयोग किया जाता है. उदघाटन हुए पांच साल बित गए लेकिन चिकित्सकीय सुविधा नहीं मिला लेकिन नचना स्थित पानी टंकी के पास सीएचसी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र निर्माण किया जा रहा है जो लगभग पूर्ण होने के कगार पर है. भवन चाहे जितना भी बना दे लेकिन चिकित्सक, जाँच का सुविधा नहीं मिले तो भवन बनाने से सरकारी फंड से खर्च किए गए राशि संवेदक के अलावे आमजनो को कितना सार्थक साबित होगा यह बताने की आवश्यकता नहीं है.
क्षेत्र में बिवाद लड़ाई झगड़ा व दुर्घटना होने पर बारियातू प्रशासन को भी बालूमाथ अस्पताल जाना व भेजना पड़ता है

बारियातू प्रखंड क्षेत्र में घटना-दुर्घटना बाद-विवाद में चोटिल होने पर बारियातू प्रशासन को बालूमाथ जाना पड़ता है. वहीं बाद-बिवाद में चोटिल होने पर प्रशासन को बारियातू से बालूमाथ ले जाना पड़ता है जिससे समय के साथ आर्थिक नुकसान भी होता है. अभी भी बारियातू प्रखंड क्षेत्र के 56 गांव के ग्रामीण हॉस्पिटल रहते चिकित्सक कर्मी व जाँच सुविधा के आभाव में बालूमाथ का चक्कर लगाना पड़ता है. उक्त बारिखाप हॉस्पिटल में डॉक्टर,नर्स जाँच सुविधा के लिए न तो विभाग सुधी लिया और न ही कोई प्रतिनिधि गंभीर हुए हैं.उपरोक्त सम्बन्ध में बालूमाथ सीएचसी प्रभारी से दूरभाष पर बात कर जानकारी लेने का प्रयास किए परन्तु फोन रिसीव नहीं किए
