महुआडांड़ प्रखंड में पूरे शानो-शौकत के साथ निकाला गया मोहर्रम का जुलूस
सहजाद आलम /महुआडांड़
महुआडांड़ मोहर्रम इंतजामिया कमिटी के जनरल खलीफा तनवीर अहमद और नायब खलीफा शमशाद अंसारी के नेतृत्व में रविवार को महुआडांड़ प्रखंड में मोहर्रम का जुलूस पूरे शानो-शौकत के साथ निकाला गया।यह जुलूस जरहाटोली से शुरू होकर गुरगुटोली, अम्बोवाटोली, डीपाटोली, महुआडांड़ बिरसा चौक, फुलवार बगीचा, बिरसा मुंडा चौक, और रामपुर चौक से होते हुए पुनः डीपाटोली पहुंचा, जहां से यह वापस अम्वाटोली होते हुए जरहाटोली पहुंचा।जुलूस के दौरान पूरा प्रखंड “या अली” और “या हुसैन” के नारों से गूंजायमान रहा।जुलूस के दौरान खिलाड़ियों ने लाठी, डंडा, तलवार और अन्य पारंपरिक हथियारों के साथ एक से बढ़कर एक करतब प्रस्तुत किए, जिन्होंने उपस्थित लोगों का मन मोह लिया। जुलूस जहां-जहां से गुजरा, वहां स्थानीय लोगों ने उत्साह के साथ शरबत, पानी और नाश्ते की व्यवस्था की, जिससे जुलूस में शामिल लोगों का स्वागत और सम्मान प्रकट हुआ।जुलूस की सुरक्षा के लिए एसडीपीओ शिवपूजन बहेलिया के निर्देशानुसार थाना प्रभारी मनोज कुमार के नेतृत्व में पुलिस बल तैनात रहा। सभी संवेदनशील चौक-चौराहों पर पुलिस की कड़ी निगरानी थी, जिसके कारण जुलूस शांतिपूर्ण और व्यवस्थित ढंग से संपन्न हुआ।जुलूस में सदर इमरान अली सिक्रेट्री मजहर खान शाहिद कमाल,सदर मजूल अंसारी सिक्रेटरी शहाबुद्दीन खान इफ्तेखार अहमद, आजाद अहमद, फहीम खान, इश्तियाक अंसारी, सफरुल खान, नुरुल अंसारी, रानू खान, बशारत अली समेत काफ़ी संख्या में मुस्लिम धर्मावलंबी शामिल थे। इसके अलावा, प्रखंड के लुरगुमी खुर्द, लुरगुमी कला, शाहपुर, परहाहाटोली, ओरसा, कापू और अन्य गांवों में भी मोहर्रम के जुलूस शांतिपूर्ण तरीके से निकाले गए।
यौमे आशुरा का रोजा और इसकी महत्ता
मोहर्रम की नवमी और दसवीं तारीख को मुस्लिम धर्मावलंबियों ने यौमे आशुरा का रोजा रखा। इस अवसर पर इमाम मौलाना रियाज ने बताया कि यौमे आशुरा का रोजा रखने की विशेष महत्ता है। मान्यता है कि इन दो दिनों के रोजे से बीते वर्ष के गुनाह माफ हो जाते हैं। साथ ही, यह उपवास कर्बला के शहीदों की याद को ताजा करता है।
इस दिन लोग सदका (दान), यतीमों की सहायता, मरीजों की देखभाल और अन्य नेक कार्य करते हैं, जो इस पवित्र अवसर की गरिमा को और बढ़ाते हैं। जुलूस और रोजे के माध्यम से लोगों ने कर्बला के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की और सामाजिक सद्भाव का संदेश दिया