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टमाटर मूल्यों मे भारी गिरावट, लगातार टमाटर के मूल्यों मे गिरावट से किसान चिंतित, 4 से ₹5 प्रतिकीलो हुआ टमाटर का दाम, लागत पूंजी भी निकलना हुआ मुश्किल,

नवंबर माह मे बेहतर मूल्यों मे बिके टमाटर किसानो थे उत्साह, 20 दिसंबर से हड़ास हुआ मूल्य, 4 से 5 रूपये प्रतिकीलो व्यापारीयों द्वारा की जा रही है खरीदारी

Darpannews. in/ chiff..संजय राम

लातेहार /बारियातू. प्रखंड के गोनिया थोक टमाटर मंडी मे 20 दिसंबर से लगातार प्रतिकीलो 4 से 5 ₹ की भारी गिरावट दर से टमाटर की खरीदारी की जा रही है। जिससे किसानों मे काफी निराशा देखा जा रहा है । टमाटर मंडी गोनिया क्षेत्र के किसानों से व्यपारीयों द्वारा थोक टमाटर की खरीदारी की जाती है। लगातार गिरते भाव से मुनाफा तो दूर की बात किसानों को खेती मे लागत पूंजी भी वापस नहीं आ रहा है। बारियातू प्रखंड मे कुल नौ पंचायत है गोनिया, टोटी, साल्वे, बारियातू, डाढ़ा, फूलसु, बालूभाँग, अमरवाडीह व सिबला शामिल है इस क्षेत्र के किसान आर्थिक आमदनी के लिए पूंजी लगाकर अधिकतम टमाटर का उत्पादन करते है। क्षेत्र के किसान अन्य फ़सल भी करते हैं लेकिन सबसे बेहतर आय का श्रोत के उदेश्य से टमाटर उत्पादन करते हैं। यहां के किसान का यही मात्र आमदनी का जरिया है। टमाटर खेती से कर्ज महाजन, घरेलु काम सहित शिक्षा के लिए टमाटर उत्पादन वरदान साबित होता है। परन्तु ओने पौने दाम से मुनाफा तो दूर किसानों क़ो खेती मे लागत पूंजी भी नहीं निकल रहा है। जबकि किसान खेती करने के पूर्व खाद्य और महंगे बीज, मजदूरी,पौधे क़ो सुरक्षित रखने के लिए दवा छिड़काव सहित जुताई के लिए और टमाटर तुड़ाई के लिए काफी खर्च करते हैं।

अक्टूबर नवंबर माह तक मिलता है बेहतर मूल्य, पिछले खेती करने वाले किसानों क़ो प्रत्येक वर्ष उठाना पड़ता है नुकसान

पूर्व मे लगाए गए टमाटर फसल मूल्य मे लोगों को अच्छी आमदनी होती है इस वर्ष अक्टूबर नवंबर माह मे गोनिया थोक मंडी मे 35 से 38 रूपये तक टमाटर की खरीदारी की गई लेकिन पिछले खेती करने वाले किसानों क़ो अंतिम दिसंबर और जनवरी तक निकलने वाले टमाटर का दाम प्रत्येक वर्ष हाड़ास हो जाता है। जिससे काफी नुकसान उठाना पड़ता है। यह क्षेत्र टमाटर आधारित क्षेत्र है टमाटर फ़सल उत्पादन के मामले मे हब माना जाता है। गोनिया टमाटर मंडी मे कोलकाता, धनबाद, बिहार, उत्तरप्रदेश, उड़ीसा, आसनसोल सहित कई राज्य से व्यपारी टमाटर की थोक खरीदारी करते है। टमाटर सभी उपयोगी सब्जियाँ मे सेवन किया जाता है।

क्षेत्र मे टॉमैटो सॉस प्लांट नहीं रहने से किसानों क़ो उठाना पड़ता है नुकसान

क्षेत्र मे टमाटर सॉस प्लांट नहीं रहने से किसानों को दिसंबर से लेकर फरवरी तक मूल्यों मे गिरावट हो जाता है। व्यापारीयों क़ो भी टमाटर की खरीदारी मे कभी कभी नुकसान उठाना पड़ जाता है। यहाँ प्लांट रहने से जिस कदर नुकसान उठाना पड़ता है वैसा नुकसान नहीं उठाना पड़ता और लोगों क़ो रोजगार बढ़ता। ग्रामीण अपने खेत मे टमाटर तोड़ाई कर टेम्पू, ट्रेक्टर,मोटर साईकिल सहित अन्य चीजों से अपने सुविधा अनुसार गोनिया बाजार ले जाते हैं। टमाटर उत्पादन से कई लोगों को रोजगार भी मिलता है। वाहन मे लोडिंग करना, पेटी मे टमाटर कसना सहित अन्य कार्यों मे भी मजदूर का रोजगार मिल जाता है। जिससे दूसरे राज्य मे पलायन की मात्रा कम हो जाता है।

किसी ने नहीं टमाटर सॉस प्लांट के लिए आकर्षित किया ध्यान

टमाटर सॉस प्लांट के लिए किसी ने ध्यान आकर्षित नहीं किया है। टमाटर सॉस प्लांट लगने से क्षेत्र के विकास से साथ आसपास के लोगों क़ो रोजगार का अवसर मिलता। अन्य कई राज्यों मे उत्पादकता के आधार सभी खेती की साधन सुविधा उपलब्ध किया गया है लेकिन गोनिया मंडी मे पिछले 50 वर्षों से टमाटर उत्पादन किया जा रहा है परन्तु किसी ने नहीं ध्यान दिया है। ग्रामीण पूरन साव, सीताराम गंझु, जीतेन्द्र सिंह जीवन, अरुण कुमार, विनय प्रसाद, जागेश्वर उरांव, गौतम सिंह, भोला साव, टिंकू साव, राजू विश्वकर्मा, किशुन कुमार, बब्लु सिंह, पंकज कुमार सिंह, अजय कुमार राम ने सरकार से गोनिया बारियातू आसपास टमाटर सॉस प्लांट लगवाने की मांग की है।

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